वस्तु एवं सेवा कर (GST) के रिकॉर्ड संग्रह से केंद्र सरकार का खजाना भर गया है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले महीने अप्रैल में जीएसटी संग्रह सलाना आधार पर 12.4 फीसदी बढ़कर 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इससे पिछले महीने मार्च में जीएसटी राजस्व संग्रह 1.87 लाख करोड़ रहा था।
वित्त मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक बयान में बताया कि घरेलू लेन-देन तथा आयात में मजबूत वृद्धि से जीएसटी राजस्व संग्रह बढ़ा है। मंत्रालय के मुताबिक अप्रैल में जीएसटी राजस्व संग्रह 12.4 फीसदी उछलकर 2.10 लाख करोड़ रुपये रहा है। इससे पिछले महीने मार्च में GST राजस्व संग्रह 1.87 लाख करोड़ रहा था। वहीं, महीने-दर-महीने आधार पर जीएसटी राजस्व संग्रह में 18 फीसदी की ग्रोथ आई है।
मंत्रालय के मुताबिक अप्रैल में कुल 2,10,267 करोड़ रुपये के GST राजस्व संग्रह में केंद्रीय जीएसटी संग्रह (सीजीएसटी) 43,846 करोड़ रुपये और राज्य GST (एसजीएसटी) 53,538 करोड़ रुपये रहा।
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वहीं, एकीकृत जीएसटी (IGST) 99,623 करोड़ रुपये (माल के आयात पर संग्रह किए गए 37,826 करोड़ रुपये सहित) और सेस 13,260 करोड़ रुपये रहा। सेस में माल के आयात से मिले 1008 करोड़ रुपये शामिल हैं।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जीएसटी संग्रह दो लाख करोड़ रुपये के ऐतिहासिक माइलस्टोन को पार कर गया है। मंत्रालय के मुताबिक रिफंड के बाद अप्रैल 2024 के लिए नेट GST रेवेन्यू 1.92 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि यानी अप्रैल 2023 की तुलना में 17.1 फीसदी ज्यादा है।